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प्रश्नोत्तर – “बात अठन्नी की”
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प्रश्न: लेखक को पहली बार अठन्नी क्यों लौटानी पड़ी?
उत्तर: लेखक जब दुकान पर साबुन खरीदने गया, तो उसने दो रुपये का नोट दिया और दुकानदार ने उसे एक रुपये पचास पैसे और एक अठन्नी लौटाई। लेखक भूलवश अठन्नी वहीं छोड़ आया। जब वह वापस गया, तो दुकानदार ने अठन्नी देने से साफ़ इनकार कर दिया। यह घटना लेखक के आत्म-सम्मान से जुड़ गई।
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प्रश्न: लेखक ने अठन्नी को लेकर इतनी ज़िद क्यों की?
उत्तर: लेखक को सिर्फ अठन्नी की नहीं, बल्कि अपने आत्मसम्मान की चिंता थी। दुकानदार द्वारा उसे झूठा साबित करना उसके लिए अपमानजनक था। लेखक को यह बात बुरी लगी कि सत्य होते हुए भी उसका मज़ाक उड़ाया गया।
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प्रश्न: कहानी का शीर्षक "बात अठन्नी की" क्यों रखा गया है?
उत्तर: यह शीर्षक प्रतीकात्मक है। अठन्नी की कीमत भले ही कम हो, लेकिन इसके पीछे लेखक का स्वाभिमान, सत्य और सामाजिक व्यवहार छिपा है। यह "बात" मात्र पैसों की नहीं, बल्कि उस मानसिकता की है जो छोटी बातों को भी अहम बना देती है।
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प्रश्न: दुकानदार ने लेखक को अठन्नी क्यों नहीं लौटाई?
उत्तर: दुकानदार ने अपनी गलती मानने से इनकार कर दिया क्योंकि उसे लगा कि ग्राहक का पैसा रखना आसान है और ग्राहक कुछ नहीं कर पाएगा। यह उसकी चालाकी और ग्राहक के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार को दर्शाता है।
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प्रश्न: लेखक ने अंत में अठन्नी कैसे वापस पाई?
उत्तर: लेखक ने दुकानदार से अपना बदला लेने के लिए योजना बनाई और समाज के प्रभावशाली लोगों की मदद से दुकानदार पर दबाव डाला। अंततः दुकानदार को उसकी गलती माननी पड़ी और लेखक को उसकी अठन्नी लौटा दी गई।
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प्रश्न: इस कहानी में लेखक ने समाज की किस मानसिकता पर व्यंग्य किया है?
उत्तर: लेखक ने समाज में व्याप्त झूठ, दिखावे और स्वाभिमान को कुचलने की प्रवृत्ति पर व्यंग्य किया है। लोग छोटी बातों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं लेकिन वहीं बातें बाद में बड़े मुद्दे बन जाती हैं।
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प्रश्न: लेखक ने अपनी बात को सिद्ध करने के लिए क्या तरीका अपनाया?
उत्तर: लेखक ने सामाजिक प्रतिष्ठा का सहारा लिया। उसने शहर के प्रभावशाली व्यक्तियों से मिलकर इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। यह दिखाता है कि सत्य को सिद्ध करने के लिए कभी-कभी समाज की ताकत भी जरूरी होती है।
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प्रश्न: लेखक को यह लड़ाई लड़ने की प्रेरणा कहाँ से मिली?
उत्तर: लेखक को प्रेरणा अपने आत्मसम्मान और सच्चाई के प्रति निष्ठा से मिली। उसे यह स्वीकार नहीं था कि कोई उसके साथ धोखा करे और वह चुपचाप सहन करे।
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प्रश्न: क्या अठन्नी के लिए इतना संघर्ष करना उचित था?
उत्तर: हाँ, क्योंकि यह संघर्ष सिर्फ अठन्नी का नहीं था, बल्कि सच्चाई और स्वाभिमान की लड़ाई थी। लेखक दिखाना चाहता था कि यदि हम छोटी बातों में अन्याय सहते हैं, तो बड़ा अन्याय भी सहना पड़ता है।
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प्रश्न: लेखक ने अठन्नी वापस मिलने के बाद कैसा अनुभव किया?
उत्तर: लेखक को संतोष और विजय की अनुभूति हुई। उसे खुशी थी कि उसने झूठ और अन्याय के खिलाफ लड़ाई जीती, भले ही वह अठन्नी जैसी मामूली चीज़ के लिए थी।
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प्रश्न: इस कहानी में हास्य और व्यंग्य का प्रयोग कैसे हुआ है?
उत्तर: लेखक ने आम जीवन की घटनाओं को चुटीले अंदाज़ में प्रस्तुत किया है। दुकानदार की हठधर्मिता और समाज की प्रतिक्रिया को व्यंग्यात्मक शैली में दिखाया गया है, जिससे पाठक को हँसी के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर होना पड़ता है।
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प्रश्न: ‘बात अठन्नी की’ कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: हमें यह शिक्षा मिलती है कि सच्चाई और आत्मसम्मान के लिए हमेशा खड़े रहना चाहिए, चाहे बात कितनी भी छोटी क्यों न हो। अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना जरूरी है।
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प्रश्न: लेखक की ज़िद को आप कैसे देखेंगे – हठ या संघर्ष?
उत्तर: यह ज़िद नहीं बल्कि सत्य के लिए संघर्ष था। लेखक ने साबित किया कि समाज में छोटे-छोटे अन्याय को नज़रअंदाज़ करना बड़ी गलतियों को जन्म देता है।
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प्रश्न: लेखक की भाषा-शैली कैसी है?
उत्तर: लेखक की भाषा सरल, व्यंग्यात्मक और व्यावहारिक है। उन्होंने पाठक को हँसाते हुए गंभीर विषयों पर सोचने के लिए प्रेरित किया है।
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प्रश्न: लेखक दुकानदार से परेशान क्यों हो गया था?
उत्तर: दुकानदार ने लेखक की बात न मानकर उसे झूठा साबित करने की कोशिश की, जो लेखक के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाता है। यही कारण था कि लेखक उसे सबक सिखाना चाहता था।
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प्रश्न: लेखक ने किस तरह से दुकानदार को पराजित किया?
उत्तर: लेखक ने प्रभावशाली लोगों से मिलकर दुकानदार की दुकान पर सामाजिक दबाव बनाया, जिससे उसकी प्रतिष्ठा खतरे में पड़ी। तब जाकर उसने अठन्नी लौटाई।
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प्रश्न: इस कहानी में लेखक का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: लेखक का उद्देश्य समाज में झूठ, भ्रष्टाचार और अन्याय को उजागर करना है। वे दिखाना चाहते हैं कि छोटी बातों की अनदेखी करना भविष्य में समाज को खोखला कर सकता है।
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प्रश्न: लेखक को अठन्नी की कीमत से ज़्यादा क्या महत्वपूर्ण लगा?
उत्तर: लेखक को अपने आत्म-सम्मान और सच्चाई की रक्षा अधिक महत्वपूर्ण लगी। उसके लिए यह केवल पैसे की बात नहीं, बल्कि सच की जीत की बात थी।
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प्रश्न: लेखक ने समाज को क्या संदेश दिया?
उत्तर: लेखक ने यह संदेश दिया कि कोई भी अन्याय, चाहे वह कितना भी छोटा हो, सहना नहीं चाहिए। हर व्यक्ति को अपने अधिकारों के प्रति सजग और सतर्क रहना चाहिए।
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प्रश्न: कहानी का अंत कैसा है और उसका क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: कहानी का अंत सकारात्मक और प्रेरणादायक है। यह दिखाता है कि अगर व्यक्ति ठान ले, तो सत्य की जीत होती है, भले ही संघर्ष लंबा क्यों न हो।
प्रश्न: लेखक को पहली बार अठन्नी क्यों लौटानी पड़ी?
उत्तर: लेखक जब दुकान पर साबुन खरीदने गया, तो उसने दो रुपये का नोट दिया और दुकानदार ने उसे एक रुपये पचास पैसे और एक अठन्नी लौटाई। लेखक भूलवश अठन्नी वहीं छोड़ आया। जब वह वापस गया, तो दुकानदार ने अठन्नी देने से साफ़ इनकार कर दिया। यह घटना लेखक के आत्म-सम्मान से जुड़ गई।
प्रश्न: लेखक ने अठन्नी को लेकर इतनी ज़िद क्यों की?
उत्तर: लेखक को सिर्फ अठन्नी की नहीं, बल्कि अपने आत्मसम्मान की चिंता थी। दुकानदार द्वारा उसे झूठा साबित करना उसके लिए अपमानजनक था। लेखक को यह बात बुरी लगी कि सत्य होते हुए भी उसका मज़ाक उड़ाया गया।
प्रश्न: कहानी का शीर्षक "बात अठन्नी की" क्यों रखा गया है?
उत्तर: यह शीर्षक प्रतीकात्मक है। अठन्नी की कीमत भले ही कम हो, लेकिन इसके पीछे लेखक का स्वाभिमान, सत्य और सामाजिक व्यवहार छिपा है। यह "बात" मात्र पैसों की नहीं, बल्कि उस मानसिकता की है जो छोटी बातों को भी अहम बना देती है।
प्रश्न: दुकानदार ने लेखक को अठन्नी क्यों नहीं लौटाई?
उत्तर: दुकानदार ने अपनी गलती मानने से इनकार कर दिया क्योंकि उसे लगा कि ग्राहक का पैसा रखना आसान है और ग्राहक कुछ नहीं कर पाएगा। यह उसकी चालाकी और ग्राहक के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार को दर्शाता है।
प्रश्न: लेखक ने अंत में अठन्नी कैसे वापस पाई?
उत्तर: लेखक ने दुकानदार से अपना बदला लेने के लिए योजना बनाई और समाज के प्रभावशाली लोगों की मदद से दुकानदार पर दबाव डाला। अंततः दुकानदार को उसकी गलती माननी पड़ी और लेखक को उसकी अठन्नी लौटा दी गई।
प्रश्न: इस कहानी में लेखक ने समाज की किस मानसिकता पर व्यंग्य किया है?
उत्तर: लेखक ने समाज में व्याप्त झूठ, दिखावे और स्वाभिमान को कुचलने की प्रवृत्ति पर व्यंग्य किया है। लोग छोटी बातों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं लेकिन वहीं बातें बाद में बड़े मुद्दे बन जाती हैं।
प्रश्न: लेखक ने अपनी बात को सिद्ध करने के लिए क्या तरीका अपनाया?
उत्तर: लेखक ने सामाजिक प्रतिष्ठा का सहारा लिया। उसने शहर के प्रभावशाली व्यक्तियों से मिलकर इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। यह दिखाता है कि सत्य को सिद्ध करने के लिए कभी-कभी समाज की ताकत भी जरूरी होती है।
प्रश्न: लेखक को यह लड़ाई लड़ने की प्रेरणा कहाँ से मिली?
उत्तर: लेखक को प्रेरणा अपने आत्मसम्मान और सच्चाई के प्रति निष्ठा से मिली। उसे यह स्वीकार नहीं था कि कोई उसके साथ धोखा करे और वह चुपचाप सहन करे।
प्रश्न: क्या अठन्नी के लिए इतना संघर्ष करना उचित था?
उत्तर: हाँ, क्योंकि यह संघर्ष सिर्फ अठन्नी का नहीं था, बल्कि सच्चाई और स्वाभिमान की लड़ाई थी। लेखक दिखाना चाहता था कि यदि हम छोटी बातों में अन्याय सहते हैं, तो बड़ा अन्याय भी सहना पड़ता है।
प्रश्न: लेखक ने अठन्नी वापस मिलने के बाद कैसा अनुभव किया?
उत्तर: लेखक को संतोष और विजय की अनुभूति हुई। उसे खुशी थी कि उसने झूठ और अन्याय के खिलाफ लड़ाई जीती, भले ही वह अठन्नी जैसी मामूली चीज़ के लिए थी।
प्रश्न: इस कहानी में हास्य और व्यंग्य का प्रयोग कैसे हुआ है?
उत्तर: लेखक ने आम जीवन की घटनाओं को चुटीले अंदाज़ में प्रस्तुत किया है। दुकानदार की हठधर्मिता और समाज की प्रतिक्रिया को व्यंग्यात्मक शैली में दिखाया गया है, जिससे पाठक को हँसी के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर होना पड़ता है।
प्रश्न: ‘बात अठन्नी की’ कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: हमें यह शिक्षा मिलती है कि सच्चाई और आत्मसम्मान के लिए हमेशा खड़े रहना चाहिए, चाहे बात कितनी भी छोटी क्यों न हो। अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना जरूरी है।
प्रश्न: लेखक की ज़िद को आप कैसे देखेंगे – हठ या संघर्ष?
उत्तर: यह ज़िद नहीं बल्कि सत्य के लिए संघर्ष था। लेखक ने साबित किया कि समाज में छोटे-छोटे अन्याय को नज़रअंदाज़ करना बड़ी गलतियों को जन्म देता है।
प्रश्न: लेखक की भाषा-शैली कैसी है?
उत्तर: लेखक की भाषा सरल, व्यंग्यात्मक और व्यावहारिक है। उन्होंने पाठक को हँसाते हुए गंभीर विषयों पर सोचने के लिए प्रेरित किया है।
प्रश्न: लेखक दुकानदार से परेशान क्यों हो गया था?
उत्तर: दुकानदार ने लेखक की बात न मानकर उसे झूठा साबित करने की कोशिश की, जो लेखक के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाता है। यही कारण था कि लेखक उसे सबक सिखाना चाहता था।
प्रश्न: लेखक ने किस तरह से दुकानदार को पराजित किया?
उत्तर: लेखक ने प्रभावशाली लोगों से मिलकर दुकानदार की दुकान पर सामाजिक दबाव बनाया, जिससे उसकी प्रतिष्ठा खतरे में पड़ी। तब जाकर उसने अठन्नी लौटाई।
प्रश्न: इस कहानी में लेखक का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: लेखक का उद्देश्य समाज में झूठ, भ्रष्टाचार और अन्याय को उजागर करना है। वे दिखाना चाहते हैं कि छोटी बातों की अनदेखी करना भविष्य में समाज को खोखला कर सकता है।
प्रश्न: लेखक को अठन्नी की कीमत से ज़्यादा क्या महत्वपूर्ण लगा?
उत्तर: लेखक को अपने आत्म-सम्मान और सच्चाई की रक्षा अधिक महत्वपूर्ण लगी। उसके लिए यह केवल पैसे की बात नहीं, बल्कि सच की जीत की बात थी।
प्रश्न: लेखक ने समाज को क्या संदेश दिया?
उत्तर: लेखक ने यह संदेश दिया कि कोई भी अन्याय, चाहे वह कितना भी छोटा हो, सहना नहीं चाहिए। हर व्यक्ति को अपने अधिकारों के प्रति सजग और सतर्क रहना चाहिए।
प्रश्न: कहानी का अंत कैसा है और उसका क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: कहानी का अंत सकारात्मक और प्रेरणादायक है। यह दिखाता है कि अगर व्यक्ति ठान ले, तो सत्य की जीत होती है, भले ही संघर्ष लंबा क्यों न हो।
बात अठन्नी की के बारे में संक्षिप्त विवरण
"बात अठन्नी की" एक प्रसिद्ध हास्य नाटक है जिसे मुल्कराज आनंद ने लिखा है। यह नाटक समाज में व्याप्त लालच, स्वार्थ और मानव मूल्यों की गिरावट को व्यंग्यात्मक ढंग से प्रस्तुत करता है।
संक्षिप्त विवरण:
यह कहानी एक आम आदमी की है, जो सड़क पर एक अठन्नी (50 पैसे का सिक्का) गिरने पर उसे उठाने के लिए झगड़ा करने लगता है। अठन्नी जैसी छोटी सी राशि के लिए आसपास के लोग, दुकानदार, राहगीर और पुलिस तक शामिल हो जाते हैं। हर कोई उस अठन्नी पर दावा करने लगता है। नाटक में यह दिखाया गया है कि किस तरह लोग छोटी-छोटी चीज़ों के लिए भी ईमानदारी छोड़कर लालची बन जाते हैं।
इस नाटक के माध्यम से लेखक ने समाज के नैतिक पतन, छोटी सोच, और व्यक्तिगत स्वार्थ पर करारा प्रहार किया है। यह हास्य के साथ-साथ चिंतन करने पर मजबूर कर देता है कि इंसान की कीमत क्या सिर्फ पैसों से ही आंकी जा सकती है?
बात अठन्नी की - बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ)
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'बात अठन्नी की' के लेखक कौन हैं?
A. प्रेमचंद
B. मन्नू भंडारी
✅ C. मुल्कराज आनंद
D. हरिशंकर परसाई
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नाटक 'बात अठन्नी की' का मुख्य विषय क्या है?
A. धार्मिक कट्टरता
B. शिक्षा प्रणाली
✅ C. सामाजिक भ्रष्टाचार और लालच
D. देशभक्ति
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नाटक में झगड़ा किस बात पर होता है?
A. जमीन पर कब्जे को लेकर
✅ B. एक अठन्नी को लेकर
C. दुकान की जगह को लेकर
D. किसी चोरी को लेकर
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अठन्नी मिलने पर कौन सबसे पहले दावा करता है?
A. दुकानदार
B. पुलिस वाला
✅ C. लेखक (आम आदमी)
D. भीख माँगने वाला
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पुलिस वाले की भूमिका नाटक में कैसी दिखाई गई है?
A. ईमानदार और न्यायप्रिय
✅ B. भ्रष्ट और अवसरवादी
C. उदासीन
D. डरपोक
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अठन्नी किसने गिराई थी?
A. लेखक ने
B. बच्चा ने
✅ C. कोई नहीं जानता
D. दुकानदार ने
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नाटक में 'अठन्नी' किसका प्रतीक है?
A. ईमानदारी
B. जीवन की सच्चाई
✅ C. पैसे के प्रति लालच
D. धार्मिकता
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नाटक के अंत में क्या सन्देश मिलता है?
A. न्याय हमेशा जीतता है
B. ईमानदारी सर्वोपरि है
✅ C. समाज में नैतिक मूल्यों की गिरावट हो रही है
D. पैसा सब कुछ है
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लेखक ने इस नाटक को किस शैली में लिखा है?
A. त्रासदी
✅ B. हास्य-व्यंग्य
C. रोमांटिक
D. वीर रस
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‘बात अठन्नी की’ नाटक में कितने मुख्य पात्र हैं?
A. 2
B. 4
✅ C. 5-6
D. 10 से अधिक
'बात अठन्नी की' के लेखक कौन हैं?
A. प्रेमचंद
B. मन्नू भंडारी
✅ C. मुल्कराज आनंद
D. हरिशंकर परसाई
नाटक 'बात अठन्नी की' का मुख्य विषय क्या है?
A. धार्मिक कट्टरता
B. शिक्षा प्रणाली
✅ C. सामाजिक भ्रष्टाचार और लालच
D. देशभक्ति
नाटक में झगड़ा किस बात पर होता है?
A. जमीन पर कब्जे को लेकर
✅ B. एक अठन्नी को लेकर
C. दुकान की जगह को लेकर
D. किसी चोरी को लेकर
अठन्नी मिलने पर कौन सबसे पहले दावा करता है?
A. दुकानदार
B. पुलिस वाला
✅ C. लेखक (आम आदमी)
D. भीख माँगने वाला
पुलिस वाले की भूमिका नाटक में कैसी दिखाई गई है?
A. ईमानदार और न्यायप्रिय
✅ B. भ्रष्ट और अवसरवादी
C. उदासीन
D. डरपोक
अठन्नी किसने गिराई थी?
A. लेखक ने
B. बच्चा ने
✅ C. कोई नहीं जानता
D. दुकानदार ने
नाटक में 'अठन्नी' किसका प्रतीक है?
A. ईमानदारी
B. जीवन की सच्चाई
✅ C. पैसे के प्रति लालच
D. धार्मिकता
नाटक के अंत में क्या सन्देश मिलता है?
A. न्याय हमेशा जीतता है
B. ईमानदारी सर्वोपरि है
✅ C. समाज में नैतिक मूल्यों की गिरावट हो रही है
D. पैसा सब कुछ है
लेखक ने इस नाटक को किस शैली में लिखा है?
A. त्रासदी
✅ B. हास्य-व्यंग्य
C. रोमांटिक
D. वीर रस
‘बात अठन्नी की’ नाटक में कितने मुख्य पात्र हैं?
A. 2
B. 4
✅ C. 5-6
D. 10 से अधिक
🔍 अतिरिक्त प्रश्न (11-20):
-
नाटक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A. मनोरंजन
✅ B. समाज को जागरूक करना
C. ऐतिहासिक जानकारी देना
D. शिक्षा देना -
लेखक ने नाटक में किसका मजाक उड़ाया है?
A. किसान
B. शिक्षक
✅ C. भ्रष्ट व्यवस्था
D. बच्चे -
पुलिस किसका पक्ष लेती है?
A. दुकानदार
✅ B. खुद का
C. लेखक
D. किसी का नहीं -
नाटक में भीड़ का व्यवहार कैसा है?
A. सहानुभूतिपूर्ण
B. व्यावहारिक
✅ C. स्वार्थी और उत्तेजित
D. न्यायपूर्ण -
लेखक का अठन्नी को लेकर व्यवहार कैसा होता है?
A. उदासीन
✅ B. अत्यधिक जिद्दी
C. सहनशील
D. दयालु -
भीड़ नाटक में किसका प्रतीक है?
A. समझदारी
B. न्याय
✅ C. असंवेदनशील समाज
D. शिक्षा -
नाटक का घटनास्थल कहाँ है?
A. थाने में
✅ B. बाज़ार/सड़क पर
C. स्कूल में
D. अदालत में -
'बात अठन्नी की' किस भाषा में लिखा गया है?
A. अंग्रेज़ी
B. संस्कृत
C. उर्दू
✅ D. हिंदी -
नाटक में लेखक का दृष्टिकोण कैसा है?
✅ A. आलोचनात्मक
B. प्रशंसात्मक
C. तटस्थ
D. भावनात्मक -
इस नाटक में हास्य किस प्रकार से प्रस्तुत किया गया है?
A. प्राकृतिक दृश्य से
✅ B. चरित्रों की गतिविधियों से
C. कविता द्वारा
D. संवादों की गंभीरता से
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